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भारत बनेगा टेलीकम्यूनिकेशन प्रोडक्ट्स का हब, 2030 तक 17 करोड़ को मिलेगी जॉब्‍स

Economic Survey 2021: संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ ही बजट सत्र की शुरुआत हो गई है। बजट से पूर्व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। जिसमें उन्होंने निर्यात आधारित उद्योगों की तस्वीर दिखाई। आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक़, वित्त वर्ष 2020 -21 के दौरान आर्थिक विकास दर -7.7% (Negative) रहने की संभावना है, जबकि 2021-22 के दौरान आर्थिक विकास दर 11% रहने की संभावना है। सर्वे में बताया गया है कि नेटवर्क प्रोडक्ट जैसे कम्प्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिक उपकरण और टेलीकम्यूनिकेशन उपकरणों के निर्यात मामले में देश प्रगति करेगा। इस क्षेत्र में आने वाले दस साल में देश में 17.35 करोड़ नौकरियां सृजित होंगी। आर्थिक सर्वेक्षण में तेजी से निर्यात बढ़ाने के लिए भारत को नेटवर्क उत्पादों (एनपी) का हब बनाने की रणनीति बताई है।


आर्थिक समीक्षा 2021 में देखा गया है कि लॉकडाउन में आर्थिक विकास नकारात्मक रहा है. लेकिन भविष्य में यह सकारात्मक वृद्धि के साथ रहेगा। लॉकडाउन के बिना कोरोना महामारी से देश बहुत प्रभावित होता। लॉकडाउव ने जो सुनिश्चित किया वह एक समन्वित प्रतिक्रिया में मदद करता है, जिससे Saving Lives And Livelihoods में मदद मिली।


सर्वे में यह भी सुझाव दिया गया है कि यदि भारत सन-2025 तक विश्व में एनपी हिस्सेदारी 3.6 प्रतिशत तक बढ़ा ले तो 3.85 करोड़ अतिरिक्त रोजगार सृजित हो सकते हैं। सर्वे के मुताबिक, वर्ष 2025 तक 9.73 करोड़ नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है, जबकि 2030 तक नौकरियों की संख्या 17.35 करोड़ तक पहुंच जाएगी।

पीआईएल योजना से रोजगार सृजन
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में "डिजिटल इंडिया" तथा "मेक इन इंडिया" कार्यक्रमों जैसी दूरदर्शी पहल के कारण भारत में पिछले पांच वर्षों में इलेक्ट्रॉनिकी विनिर्माण के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। इलेक्ट्रॉनिकी पर राष्ट्रीय नीति 2019 में आकार और पैमाने पर ध्यान केंद्रित करके, निर्यात को बढ़ावा देकर और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए उद्योग के लिए समर्थनकारी परिवेश बनाकर घरेलू मूल्य संवर्धन करके भारत को इलेक्ट्रॉनिकी प्रणाली डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) के लिए वैश्विक हब के रूप में स्थापित करने की परिकल्पना की गई है। पीएलआई योजना से मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक संघटक पुर्जों के विनिर्माण में एक नए युग की शुरुआत होगी। अगले 5 वर्षों में 11.50 लाख करोड़ रु.के उत्पादन और 7 लाख करोड़ रु. के निर्यात की उम्मीद जताई जा रही है।

इस योजना से अगले 5 वर्षों में लगभग 3 लाख प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे और इसके साथ प्रत्यक्ष रोजगार के लगभग 3 गुना अतिरिक्त अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा। घरेलू मूल्य संवर्धन मोबाइल फ़ोनों के मामले में वर्तमान 15-20% से 35-40% तक और इलेक्ट्रॉनिक संघटक पुर्जों के लिए 45-50% तक बढ़ने की उम्मीद है।



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