अमरीका के प्रसिद्ध ब्रॉडवे थिएटर 12 मार्च से बंद हैं, जिनके सितंबर से पहले खुलने की उम्मीद नहीं है। संकट के बादल इतने गहरे हैं कि बिना किसी सरकारी मदद के कुछ शो दुबारा कभी शुरू नहीं हो सकेंगे। कलाकार भी बेरोजगारों की कतार में लग गए हैं।
उनकी नियॉन रोशनी अभी भी रात में चमकती हैं, लेकिन लगभग दो महीने से कोरोना के एपी सेंटर बन चुके न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर के इन थिएटरों के बाहर कोई हलचल नहीं है। सामान्य दिनों में जहां एक हफ्ते में इनके लगभग 2.5 अरब रुपए तक के टिकट बिक जाते थे, उनकी ब्रिकी शून्य हो चुकी है।
यहां काम करने वाले कलाकारों को बंदी के बाद दो सप्ताह का वेतन मिला पर अब उनसे पास सरकार की ओर से प्रस्तावित बेरोजगारी भत्ते के अलावा कुछ भी नहीं है। न्यूयॉर्क के सरकारी दफ्तरों में अराजकता फैली है। कई को अब तक कुछ नहीं मिला है। ब्रॉडवे थिएटरो से अर्थव्यवस्था को 1,1,35 अरब रुपए का मुनाफा होता था। वॉयलिन वादक मैक्सिम मोस्टन कहते हैं कि बहुत से लोग इस समय दूसरे कॅरियर के बारे में सोच रहे हैं।
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