मुंबई। कोरोना महामारी के दौरान ऑनलाइन कामकाज पर निर्भरता की वजह से साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में नौकरियों के अवसर तेजी से बढ़ रहे हैं। इसमें सालाना 25 फीसदी नौकरियां बढ़ी हैं। चिंता की बात यह है कि महिलाओं की भागीदारी सिर्फ 6 फीसदी है, जो 2025 तक मात्र 11 फीसदी होने की उम्मीद है। इसमें सबसे ज्यादा मांग डाटा साइंटिस्ट, मशीन लर्निंग और डाटा एनालिस्ट की है। यह खुलासा टीमलीज सर्विसेज की रिपोर्ट से हुआ है।
कमी की प्रमुख वजह... नौकरियों में लड़कियां कम होने की वजह साइबर सुरक्षा में उनकी रुचि कम होना है। 77 प्रतिशत लड़कियां बीएससी, बीकॉम, एमएससी, एमसीए व 23 प्रतिशत बीई, बीटेक सहित अन्य विषयों में प्रवेश लेती हैं। कंपनियों की प्राथमिकता भी लड़के हैं।
बढ़ेंगी 15 लाख से ज्यादा नौकरियां-
देश में 2025 तक साइबर सुरक्षा में 15 लाख से ज्यादा नौकरियों के अवसर बढऩे की उम्मीद है। 2020—21 में 74 प्रतिशत कंपनियों, संगठनों को ज्यादा साइबर सुरक्षा की जरूरत है। इस साल 50 हजार से ज्यादा नौकरियां दी गई हैं। इस तरह वर्ष 2022 में वैश्विक मांग की अपेक्षा देश में 9 प्रतिशत अधिक मांग की उम्मीद है।
किस सेक्टर में कितनी मांग-
सेक्टर- एंट्री लेवल - मिड - एक्सपीरिएंस्ड
डाटा साइंटिस्ट -5.1 -14 -100
मशीन लर्निंग - 5.1- 14 -20
डाटा एनालिस्ट -3.4- 6.8 -18
डाटा इंजीनियर -4 -12- 16
एआइ इंजीनियर-7.9- 11 -14
रिसर्च इंजीनियर -7.9- 11 -14
नेटवर्क सिक्योरिटी इंजीनियर--3.4- 7.7- 9.7
साइबर सिक्योरिटी एनालिस्ट -4 -9.3 -15
(टीमलीज सर्विस के आंकड़े फीसदी में, न्यूनतम शुरुआती वेतन प्रतिमाह एक लाख रुपए।)
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