अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) के अनुसार candidate को प्रशिक्षण अवधि सहित 4 साल की सेवा अवधि के लिए संबंधित सेवा अधिनियम 1950 के तहत अग्निवीर के रूप में नामांकित करते हैं। इस प्रक्रिया में, हर अग्निवीर को योजना के सभी नियमों व शर्तों को औपचारिक रूप से स्वीकार करना जरूरी है। 18 वर्ष से कम उम्र के कैंडिडेट के लिए, मौजूदा प्रावधानों के अनुसार, नामांकन फॉर्म पर माता-पिता/ अभिभावकों के हस्ताक्षर होने जरूरी हैं। अग्निवीर की सेवा नामांकन की तारीख से शुरू होती है।
चार साल पूर्ण होने पर
शस्त्र बलों (सेना/नौसेना में एवी व वायु सेना में अग्निवीरवायु (Agniveer Vayu) (एवीवी) में एक अलग रैंक है, जो किसी भी अन्य मौजूदा रैंक (यानी नियमित कैडर) से अलग है। तभी, उन्हें उनकी सेवा की अवधि के लिए विशिष्ट सेवा संख्या आवंटित होती है। ६ माह का सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है। अग्निवीर सेवा भूमि, समुद्र या हवा में कहीं भी आदेश देने के लिए उत्तरदायी हैं। असाधारण मामलों के अलावा, अग्निवीर को ४ वर्ष की अवधि पूरी होने से पूर्व अपने अनुरोध पर रिहाई की अनुमति नहीं है।
प्रशिक्षण अवधि पूर्ण होने के बाद...
4 साल के बाद सशस्त्र बल अग्निवीरों का एक केंद्रीकृत उच्च-गुणवत्ता वाला ऑनलाइन डाटाबेस बनाते हैं व सामान्य मूल्यांकन पद्धति का पालन करते हैं। निष्पक्ष मूल्यांकन सुनिश्चित करने के लिए एक उद्देश्य मूल्यांकन प्रणाली शुरू की गई है। एक अग्निवीर द्वारा प्राप्त कौशल व्यवस्थित रूप से दर्ज होते हैं। नियमित संवर्ग में नामांकित लोगों के लिए, अग्निवीर के रूप में शुरुआती ४ साल की अवधि को सेवानिवृत्ति लाभों के लिए नहीं माना जाता। सेवा पूर्ण होने पर सभी अग्निवीरों को छुट्टी देते हैं। संगठनात्मक जरूरतों के आधार पर, हर बैच में ४ वर्षीय अवधि पूरी कर रहे अग्निवीरों को संबंधित सेवा के नियमित कैडर में नामांकन के लिए आवेदन करने का अवसर मिलता है। इनके आधार पर सशस्त्र बलों द्वारा केंद्रीकृत तरीके से विचार होता है, जो उनकी नियुक्ति अवधि के दौरान प्रदर्शन सहित एक वस्तुनिष्ठ मानदंड के आधार पर होता है। अग्निवीरों के हर विशिष्ट बैच के सिर्फ 25त्न सेवाओं के नियमित कैडर में नामांकित होते हैं। अग्निवीर को आगे नामांकन के लिए चुने जाने का कोई अधिकार नहीं है। अवधि के अंत में, एनएसक्यू (राष्ट्रीय कौशल योग्यता) प्रारूप पर एक विस्तृत कौशल सेट प्रमाण पत्र देते हैं। जिन्होंने अग्निवीर के रूप में 10वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद दाखिला लिया है, उन्हें प्राप्त कौशल के आधार पर 12वीं का प्रमाण-पत्र मिलता है।
30 दिनों की छुट्टी का प्रावधान
4 वर्ष की सेवा अवधि के दौरान छुट्टी, वर्दी, वेतन व भत्ते भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए गए अग्निवीरों के संबंध में आदेशों-निर्देशों द्वारा शासित होते हैं। प्रशिक्षण की अवधि के दौरान वर्दी पर एक विशिष्ट प्रतीक चिन्ह पहनते हैं। सेवाओं में नियुक्ति की अवधि के लिए, वे सेवा अस्पतालों में चिकित्सा सुविधा के साथ-साथ सीएसडी प्रावधानों के हकदार हैं। वे चिकित्सा सलाह के आधार पर बीमारी की छुट्टी के अलावा सालाना 30 दिनों की छुट्टी के पात्र हैं। अग्निवीरों को किसी भी रेजिमेंट/ यूनिट/जहाज पर तैनात / स्थानांतरित कर सकते हैं। आधिकारिक गुप्त अधिनियम 1923 के तहत अग्निवीरों को किसी भी अनधिकृत व्यक्ति या स्रोत को सेवा के दौरान प्राप्त वर्गीकृत स्वीकारी का खुलासा करने से रोक दिया गया है।
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