रेलवे में लगभग एक लाख नौकरियों के लिए भर्ती चल रही है। इन भर्तियों के लिए अंदाजन ढाई करोड़ युवाओं ने आवेदन किया है जिनकी स्क्रूटिनी में काफी समय लग रहा है। रेलवे भर्ती में बर्बाद होने वाले समय को बचाने के लिए रेलवे ने रेलवे भर्ती बोर्ड से हटकर संविदा (कॉन्ट्रैक्ट) पर नियुक्तियां लेने का फैसला किया है। कुछ क्षेत्रों में स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए अब रेलवे संविदा पर कर्मचारियों को नियुक्त करेगा। सूत्रों के अनुसार पीए, स्टेनोग्राफर, एग्जिक्यूटिव असिस्टेंट, डेटा एंट्री ऑपरेटर आदि के खाली पदों के लिए रेलवे सीधे इंटरव्यू के जरिए भर्ती करेगा।
नई भर्तियों के अलावा रिटायर्ड कर्मचारियों को भी वापस बुलायेगा रेलवे
रेलवे ने भर्ती बोर्ड को दरकिनार करते हुए अनुबंध पर नई नियुक्तियों के दरवाजे खोल दिए हैं। इसके अलावा रिटायर हो चुके कर्मचारियों से भी काम लेने का फैसला लिया गया है। ये कर्मचारी स्टीम इंजन, विंटेज कोच, सिग्नल जैसी पुरानी संपत्तियों को मेनटेन करने में मदद करेंगे।
एक वरिष्ठ रेलवे अफसर ने बताया कि पुराने लोग स्टीम इंजन जैसी चीजों के रख-रखाव के लिए प्रशिक्षित हैं, इसलिए इस काम के लिए उन्हें संविदा पर नियुक्त किया जा सकता है। जोनल अधिकारियों को काबिल रिटायर्ड कर्मचारियों को नियुक्त करने का अधिकार दिया जा रहा है जिससे पुराने हेरिटेज आइटम्स को अच्छे से मेनटेन किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि रेलवे के कई ऑफिसों में स्टेनोग्राफर और पीए की भी खासा कमी है। इस समस्या से निपटने के लिए रेलवे ने संविदा पर स्टेनोग्राफर की नियुक्ति करने का आदेश दिया है। इसमें रिटायर्ड स्टाफ नियुक्ति के लिए 65 वर्ष की आयु सीमा है। कार्य प्रभावित होने की समस्या का समाधान करने के लिए रेलवे ने डेटा एंट्री ऑपरेटर या एग्जिक्यूटिव असिस्टेंट की भी मौजूदा रिक्तियों को भरने के लिए अनुबंध के आधार पर नियुक्ति की अनुमति दी है।
वहीं दूसरी ओर रेलवे लगभग 90000 खाली पड़े पदों के लिए भर्ती प्रोसेस भी चालू रखेगा ताकि विभाग का कार्य सुचारू रूप से चलता रहे।
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