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शिक्षकों की भर्ती रद्द, वापस वसूली जाएगी पूरी तनख्वाह और सुविधाएं!

जयनारायण व्यास विवि में शैक्षणिक सत्र २०१२-१३ में हुई १५४ शिक्षकों की भर्ती में अनियमितता साबित हो गई है। राजभवन ने विवि को पत्र भेजकर ‘आवश्यक कार्रवाई’ के निर्देश दिए हैं। राजभवन के पत्र के साथ प्रो. पीके दशोरा कमेटी की रिपोर्ट भी नत्थी की गई है।

साथ ही शिक्षक भर्ती के संबंध में न्यायालय में चल रही याचिका को भी गंभीरता से लेकर दोषी शिक्षकों को कार्यमुक्त करने और फर्जी शिक्षकों का चयन करने वाले इंटरव्यू बोर्ड में शामिल विवि के अन्य शिक्षकों को भी दोषी मानकर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। इन शिक्षकों से वेतन भत्तों के अतिरिक्त विवि से ली गई अन्य सुविधाओं की फाइनेंशियल रिकवरी भी की जाएगी।

कार्यवाही की रिपोर्ट मांगी, जांच कमेटी गठित
विवि के कार्यवाहक कुलपति प्रो. राधेश्याम शर्मा ने यह पत्र प्राप्त होते ही शिक्षक भर्ती के संबंध में हाईकोर्ट और एससीबी में चल रही कार्यवाहियों की रिपोर्ट मंगवाई है। इसके अलावा शिक्षक भर्ती में फर्जी इंटरव्यू लेने वाले और शिक्षकों का चयन करने वाले विवि के तत्कालीन प्रोफेसर्स के संबंध में कार्रवाई करने के लिए तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। कमेटी १५४ शिक्षकों के भाग्य के साथ इंटरव्यू बोर्ड में शामिल सदस्यों पर कार्रवाई की अंतिम मुहर लगाएगी।

गौरतलब है कि इस मामले में एसीबी ने अब तक जेएनवीयू के तत्कालीन कुलपति भंवरसिंह राजपुरोहित, पूर्व विधायक दिवंगत जुगल काबरा, तत्कालीन सिण्डीकेट सदस्य डूंगरसिंह खीची, विवि लिपिक केशवन एम्ब्रारन, रोस्टर कमेटी सदस्य प्रो. श्यामसुंदर शर्मा, उदयपुर स्थित मोहनलाल सुखाडि़या विवि के प्रो. दरियावसिंह चूण्डावत, काजरी के पूर्व निदेशक एमएम रॉय, पीएस चूण्डावत के अलावा चयनित शिक्षकों ऋषभ गहलोत, सुरेंद्र कुमार, विवेक को गिरफ्तार किया था।

राजभवन से पत्र आया है। रिपोर्ट के साथ प्रो. पीके दशोरा कमेटी की अनुशंसा भी शामिल है। राजभवन ने १५४ शिक्षकों के अलावा इससे जुड़े विवि के अन्य शिक्षकों पर भी कार्रवाई कर अवगत कराने के आदेश दिए हैं।
- प्रो. राधेश्याम शर्मा, कार्यवाहक कुलपति, जेएनवीयू जोधपुर



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