नई दिल्ली । कर्मचारियों के नौकरी छोडऩे की उच्च दर (एट्रीशन रेट) से देश का 194 अरब डॉलर का आइटी उद्योग कठिन चुनौतियों का सामना कर रहा है। आइटी कंपनियों के पास नए ऑर्डर्स की भरमार है, लेकिन कर्मचारियों की नौकरी छोडऩे की दर ज्यादा होने से उनकी सेवाओं की आपूर्ति बिगडऩे की आशंका है। आइटी सेक्टर में कर्मचारियों की नौकरी छोडऩे की दर आमतौर पर 10 से 20 फीसदी रहती है, लेकिन यह आंकड़ा 20 से 30 फीसदी तक पहुंच गया है। इससे कंपनियां चिंतित हैं और नई हायरिंग पर जोर दे रही हैं।
एट्रीशन रेट ऊंचा होने की वजह से आइटी इंडस्ट्री में टैलेंट वॉर चल रहा है। योग्य आइटी प्रोफेशनल्स को कंपनियां मोटा पैकेज और इन्सेंटिव दे रही है। टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो और एचसीएल ने साल में दो बार कर्मचारियं का इंक्रीमेंट किया है। इसके बावजूद एट्रीशन रेट बढ़ा है। ऐसे में आइटी कंपनियां फ्रेशर्स को हायर करने पर जोर दे रही हैं। इस साल 1.60 लाख से अधिक फ्रेशर्स को नौकरियां मिलने की उम्मीद है।
स्टार्टअप्स ने बढ़ाई प्रोफेशनल्स की मांग-
स्टार्टअप्स के तेज विकास से मांग-आपूर्ति शृंखला का संतुलन बिगड़ा है। सितंबर तक प्राइवेट इक्विटी व वेंचर कैपिटल कंपनियों ने भारत में 49 अरब डॉलर का निवेश किया, जो वर्ष 2020 से 59 % अधिक है। इनमें से बड़ा हिस्सा स्टार्टअप में निवेश हुआ। ये फर्में भी तेजी से नई भर्तियां कर रही हैं। इसेस मिड और सीनियर लेवल के कर्मचारियों की कंपनी छोडऩे की दर 30 प्रतिशत से 40 प्रतिशत हो गई।
फ्रेशर्स को मिलेंगे जॉब्स के जबरदस्त मौके-
- 194 अरब डॉलर का है आइटी सेक्टर भारत का फिलहाल।
- 46 लाख से अधिक लोग काम करते हैं आइटी सेक्टर में देश में।
- 30 प्रतिशत तक एट्रीशन रेट पहुंचने की आशंका जो अभी 15 से 20 प्रतिशत है।
- 35 हजार फ्रेशर्स को हायर करेगी टीसीएस दूसरी छमाही में।
- 30 हजार फ्रेशर्स को एचसीएल, 25 हजार को विप्रो देगी मौका।
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