जीएसटी (GTS) (गुड्स एंड सर्विसिस टैक्स) (Goods and Service Tax) जैसे विषयों को स्कूली स्टूडेंट्स को पढ़ा कर भारत सरकार (Govt of India) रोजगार देने का अभियान चला रही है। देशभर में ऐसे नए पाठ्यक्रम (Curriculum) के माध्यम से करीब 10 लाख स्कूली छात्रों को जोड़ा गया है। रोजगार के उद्देश्य से शुरू की गई यह शिक्षा स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल की गई है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि सरकार ने समग्र शिक्षा योजना के तहत देशभर में व्यावसायिक शिक्षा को पहुंचाने का लक्ष्य बनाया है।
मानव संसाधन मंत्रालय के मुताबिक, अभी तक भारत के अलग-अलग हिस्सों में कुल 8654 स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम लागू किए गए हैं। यह पाठ्यक्रम 9वीं से लेकर 12वीं कक्षा में लागू किए गए हैं। एनसीईआरटी ने व्यवसाय परक शिक्षा देने के उद्देश्य से जीएसटी के मूल विषयवस्तु को 12वीं कक्षा तक के व्यावसायिक पाठ्यक्रम में शामिल किया है। इसे अर्थशास्त्र में जगह दी गई है। इसके 9वीं से 12वीं कक्षा तक के अलावा विभिन्न स्तरों पर व्यावसायिक एकांउटेंसी व बिजनेस स्टडीस, भारत के कानून एवं संविधान के बुनियादी तथ्यों को भी छात्रों को पढ़ाया जा रहा है।
सूचना व संचार तकनीक को विशेष रूप से छात्र व अध्यापकों दोनों के लिए स्कूल सलेबस में शामिल किया गया है। मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल का कहना है कि इस प्रकार की व्यावसायिक शिक्षा सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू की गई है। स्कूलों को छात्रों को उनके सामान्य पाठ्यकम्र के अलावा कोई व्यावसायिक पाठ्यकम्र चुनने का विकल्प प्रदान किया जा रहा है।
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