ज्यादातर परीक्षाओं की चयन पद्धति में ग्रुप डिसकशन एक अहम पड़ाव है। नाम से तो यह इतनी कठिन नहीं लगता लेकिन चयन के लिए इसमें बेहतरीन प्रदर्शन बेहद जरूरी है। जानें इस पड़ाव को पार करने के कुछ अहम और उपयोगी टिप्स के बारे में-
कैंडिडेट को अपने रिज्यूम के बारे में काफी अच्छी तरह से हर एक संभावित प्रश्न का जवाब देना आना चाहिए। इसके लिए अपने एकेडेमिक, प्रोफेशनल और व्यक्तिगत जीवन में प्राप्त की गई उपलब्धियों के बारे में गंभीरता से सोचकर ही जाएं। ग्रुप डिसकशन के दौरान कभी भी आक्रामक व्यवहार और व्यक्तित्व नही? दिखाना चाहिए। इससे नेगेटिव इम्प्रेशन पड़ सकता है। प्रेजेंटेशन के दौरान आपमें अपनी राय और मूल तर्क को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करने की काबिलियत होनी चाहिए। इसके अलावा आप अपना तथ्य किसी फैक्ट के आधार पर प्रस्तुत करें या डिसकशन में जिस भी प्वॉइंट पर आप चर्चा कर रहे हैं, उस प्वॉइंट को स्टेटिस्टिक्स और डाटा के साथ पेश करें। इससे तर्क ज्यादा विश्वसनीय होगा।
व्यवहार जितना हो सके सामान्य रखें। अक्सर कैंडिडेट जीडी में इंटरेक्शन के तुरंत बाद ही बोलना शुरू कर देना है। ऐसा न करें। जब तक सामने वाला सवाल न रखे तब तक खुद से कोई बात न रखें। इससे नेगेटिव इम्प्रेशन पड़ेगा। करंट अफेयर्स और जनरल अवेयरनेस से जुड़े विभिन्न विषयों के संबंध में बोलने की प्रेक्टिस करें। इसके लिए आपको अपनी स्पीच के कंटेंट की काफी प्रेक्टिस करनी चाहिए और तर्कयुक्त प्वॉइंट्स को अपनी स्पीच में शामिल करें। कोशिश करें कि किसी भी टॉपिक पर कम से कम एक मिनट तक बोलने के लिए आपके पास अच्छा कंटेंट होना चाहिए। इससे आत्मविश्वास तो बढ़ेगा ही साथ ही रोजाना प्रेक्टिस से आपको प्रभावी तरीके से अपने विचार प्रकट करने में सहायता मिलेगी।
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