महिलाओं के उद्यमी बनने की राह में धन की कमी सबसे बड़ी बाधक है, इसके अलावा घर की जिम्मेदारी भी उनको उद्यमी बनने से रोकती है। यह बात एक सर्वेक्षण के नतीजों में कही गई है। सर्वेक्षण दिल्ली, लखनऊ, मुंबई, पुणे, कोलकाता, आसनसोल, चेन्नई और कोयंबतूर में किया गया, जिसमें 25-45 साल की 1,267 गृहणियों को शामिल किया गया। ये सारी नॉन-वर्किंग महिलाएं हैं, मतलब ये किसी अर्थोपार्जन के लिए कहीं काम नहीं करती हैं।
अपना व्यवसाय शुरू करने या अपनी पसंद के काम से अर्थोपार्जन करने की ख्वाहिश रखने वाली इन गृहणियों में 69 फीसदी ने कहा कि पर्याप्त धन नहीं होना उनके उद्यमी बनने की राह में सबसे बड़ी अड़चन है। सर्वेक्षण में 63 फीसदी गृहणियों ने माना कि घर की जिम्मेदारी संभालने में ही उनका ज्यादा समय चला जाता है, जबकि 39 फीसदी ने कहा कि मार्गदर्शन की कमी के कारण वह अपना काम शुरू नहीं कर पा रही हैं। वहीं, 36 फीसदी गृहणियों ने विश्वास की कमी की बात स्वीकारी। यह विशेष सर्वेक्षण एक बिस्कुट कंपनी के लिए करवाया गया।
सर्वेक्षण में सबसे ज्यादा 36 फीसदी गृहणियों ने बताया कि वे सिलाई का कारोबार शुरू करना चाहती हैं, 28 फीसदी ने ब्यूटी पार्लर, 26 फीसदी गृहणियों ने बुटिक या दुकान खोलने और 20 फीसदी ने होम ट्यूशन शुरू करने की इच्छा जताई। सर्वेक्षण में शामिल गृहणियों में से 64 फीसदी ने कहा कि वे वित्तीय आजादी चाहती हैं, जबकि 54 फीसदी ने कहा कि वे अपनी पहचान बनाना चाहती हैं।
बिस्कुट कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट (मार्केटिंग) अली हैरिस शेरे ने कहा, गृहणियां अपने परिवार की देखभाल की रोजमर्रा के अपने कामों में लगी रहती हैं, जिससे उनकी अपनी महत्वाकांक्षा किनारे रह जाती है। नई पीढ़ी की गृहणियां हालांकि अपनी व्यक्तिगत पहचान बनाने की ख्वाहिश रखती हैं और वे इसमें पीछे नहीं रहना चाहती हैं।
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