राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) प्रतियोगी परीक्षाओं के आवेदन-पत्र (फार्म) को सरल बनाएगा। फार्म में जरूरी सूचनाएं ही भरवाई जाएंगी। इससे अभ्यर्थियों और आयोग को सहूलियत होगी। आंतरिक स्तर पर योजना पर कामकाज शुरू हो चुका है।
उल्लेखनीय है कि आयोग RAS और अधीनस्थ सेवाओं सहित कॉलेज, स्कूल व्याख्याता, तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और अन्य विभागों की भर्ती परीक्षाएं कराता है। प्रत्येक भर्ती परीक्षा से पहले आयोग विज्ञापन जारी कर ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करता है। मौजूदा ऑनलाइन फार्म व्यवस्था के तहत आयोग अभ्यर्थियों से विस्तृत जानकारियां भरवाई जाती हैं। इनमें नाम, शैक्षिक डिग्रियों, डाक के पते सहित अभिरुचि, फोन, मोबाइल नंबर और अन्य सूचनाएं शामिल होती हैं।
हर बार करनी पड़ती है जांच
RPSC आयोग की परीक्षाओं में काफी संख्या में अभ्यर्थी बैठते हैं। हर बार ऑनलाइन फार्म में नए सिरे से विस्तृत जानकारी भरवाई जाती हैं। आयोग को इनकी सूचनाएं जांचनी पड़ती है। कम्प्यूटर में परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों से ज्यादा डाटा अनुत्तीर्ण अभ्यर्थियों का रहता है। इसमें कर्मचारियों का काफी वक्त खराब होता है। आयोग को भी तकनीकी रूप से परेशानियां होती हैं। कई अभ्यर्थियों के त्रुटियां छोडऩे और फार्म में वांछित जानकारी नहीं होने पर आयोग को सार्वजनिक सूचना, विज्ञापन भी जारी करना पड़ता है।
दो चरणों में भरेंगे फार्म
प्रस्तावित योजनान्तर्गत भर्तियों के परीक्षा फार्म को सरल बनाया जाएगा। पहले चरण में अभ्यर्थियों के नाम, माता-पिता का नाम, डाक का पता और कुछ जरूरी जानकारियां ही भरवाया जाना प्रस्तावित है ताकि अभ्यर्थियों को फार्म भरने में परेशानियां न हो। मालूम हो कि एसएसओ-आईडी पद्धति से RPSC पहले ही फार्म भरवाने की शुरुआत कर चुका है।
सफल अभ्यर्थियों से भरवाएंगे विस्तृत फार्म
दूसरे चरण में आयोग भर्ती परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों से ही विस्तृत फार्म भरवाने की योजना बना रहा है। आयोग अभ्यर्थियों का ई-वॉलेट भी तैयार करेगा। वॉलेट में अभ्यर्थियों द्वारा अर्जित अंक, परीक्षा और शैक्षिक दस्तावेज ई-प्रारूप में उपलब्ध रहेंगे। डिजिटलीकरण के बाद अभ्यर्थियों से दस्तावेज मंगवाने और जांचने का झंझट नहीं होगा।
भर्ती परीक्षाओं के फार्म को सरल बनाया जाना प्रस्तावित है। फार्म में केवल जरूरी सूचनाएं ही भरवाई जाएं ऐसी योजना बनाई जाएगी। इससे अभ्यर्थियों और आयोग को सहूलियत होगी। कम्प्यूटर पर डाटा की जांच में आसानी होगी।
- दीपक उप्रेती, अध्यक्ष, RPSC
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