हाईकोर्ट ने चिकित्सक शिक्षकों को ६२ साल की आयु के बाद प्रशासनिक पद नहीं देने को राज्य सरकार का नीतिगत निर्णय बताते हुए इस मामले में दखल से इनकार कर दिया है। नियमों में संशोधन को भी वैध करार दिया है।
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न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व गोवर्धन बाढ़दार की खण्डपीठ ने बुधवार को मामले में सवाईमानसिंह अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ. यूएस अग्रवाल, अजमेर मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. राजेन्द्र कुमार गोखरू, सांगानेर महिला चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. बीएस मीणा, मनोरोग चिकित्सालय के अधीक्षक प्रदीप शर्मा, एसएमएस में न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. वीडी सिन्हा व डॉ. नरेश एन राय की याचिकाओं को खारिज कर दिया। इससे अब ६२ साल की आयु पूरी होने पर सभी को प्रशासनिक पद छोडऩे होंगे।
याचिकाकर्ता चिकित्सकों की ओर से कहा गया था कि राज्य सरकार ने चिकित्सक शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु ६२ से बढ़ाकर ६५ साल कर दी है, लेकिन उनको ६२ साल बाद प्रशासनिक पदों पर नहीं लगाया जा रहा है। कोर्ट ने राजस्थान सेवा नियमों में चिकित्सक शिक्षकों की सेवानिवृति आयु बढ़ाने के लिए किए गए संशोधन को सही माना है, वहीं ६२ साल की आयु के बाद उनको प्रशासनिक पद नहीं देने के सरकार के निर्णय को भी सही मान लिया है।
देर रात तक किसी को चार्ज नहीं
इस निर्णय के बाद उम्मीद थी कि शाम तक एसएमएस मेडिकल कॉलेज को नया प्राचार्य कार्यवाहक के तौर पर मिल जाएगा। लेकिन देर रात तक किसी के कार्यवाहक तौर पर नियुक्ति के आदेश जारी नहीं हुए। प्राचार्य डॉ. यूएस अग्रवाल अवकाश पर चल रहे हैं। बताया जा रहा है, उनके ज्वाइन करने के बाद किसी अन्य को चार्ज दिया जाएगा।
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