राजस्थान में सरकारें भर्तियां तो निकाल रही हैं मगर युवाओं को समय पर नौकरियां नहीं मिल पा रहीं। पिछले ७ साल में कोई भी सरकारी भर्ती समय पर पूरी नहीं हुई। सभी में 3 से 5 साल तक का समय लगा है। इस देर का बड़ा कारण है भर्ती परीक्षा के प्रश्नों पर विवाद, जो जिला न्यायालय ही नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे हैं। कई बार परिणाम दोबारा जारी हुआ, तब भर्तियां पूरी हो पा रही हैं। विवाद का कारण हर बार एक ही होने के बावजूद सरकार हल नहीं निकाल पा रही, बल्कि मामलों के निपटारे पर हर साल करोड़ों रुपए गंवा रही है। अकेले आरपीएससी ने ही पिछले ३ साल में न्यायिक प्रकरणों में 2.64 करोड़ खर्च कर दिए हैं। इतनी ही राशि बेरोजगार युवा भी खर्च कर चुके हैं।
भर्ती चाहे 2015 में हुई स्कूल व्याख्याता की हो या राजस्थान विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर की, सभी भर्ती परीक्षाओं के पेपर में ही कमियां सामने आई हैं। पेपर सेटिंग में गलती के कारण 8 से 40 प्रश्न तक अमान्य घोषित किए गए हैं। कई भर्तियों में प्रश्नों के जवाब बदले गए हैं। ऐसे में परिणाम दो बार जारी करने पड़े हैं। प्रश्नों में बार-बार खामियों के कारण अब पेपर बनाने वाली एक्सपर्ट कमेटियों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। बेरोजगार युवा पेपर सेटिंग में गलती के कारण विशेषज्ञों व अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग भी कर रहे हैं।
किस भर्ती में कौनसा विवाद
एलडीसी 2013
प्रिज्म के एक प्रश्न पर विवाद वर्षों तक चला। मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया। भर्ती 7500 पदों के लिए थी।
पटवार भर्ती 2015
गलत विकल्प के कारण 8 प्रश्न हटाए गए। भर्ती 4400 पदों के लिए थी। विवाद कुछ समय पहले ही सुलझा है और ३ महीने पहले नियुक्ति दी गई है।
स्कूल व्याख्याता 2017
अठारह प्रश्न अमान्य किए गए। मामला ३ साल तक कोर्ट में चला और इसी साल निपटा। आरपीएससी को रिवाइज रिजल्ट जारी करना पड़ा।
आरएएस 201६
700 पदों के लिए भर्ती निकली लेकिन प्रश्नोत्तर सहित अन्य विवाद के कारण नियुक्ति अब तक नहीं हो सकी।
शिक्षक भर्ती 2013
प्रश्नों के विवाद के कारण पंचायत राज विभाग ने दो बार परिणाम जारी किया। भर्ती 20 हजार पदों के लिए थी, जिसमें प्रश्नों को लेकर विवाद उठा था।
द्वितीय श्रेणी शिक्षक 2016
अभ्यर्थियों ने 14 प्रश्नों के उत्तरों को जयपुर व जोधपुर हाइकोर्ट में चुनौती दे रखी है। विवाद सुलझाने के लिए कोर्ट ने विशेषज्ञों की कमेटी बनाई है। अब भी 7200 की नियुक्ति प्रकिया लम्बित है।
असिस्टेंट प्रोफेसर 2017
राजस्थान विवि की इस भर्ती में फिजिक्स विषय में 40 प्रश्न अमान्य किए गए। मामला कोर्ट में है।
अभ्यर्थियों और सरकार, दोनों को गंवाने पड़ रहे करोड़ों रुपए
भर्ती परीक्षा देने के लिए युवाओं को अरबों रुपए खर्च करने पड़े हैं। पिछले ४ महीने में आरपीएससी से निकली भर्तियों के आवेदन में लाखों युवा 28.37 अरब रुपए जमा करा चुके हैं। इसके बावजूद यह तय नहीं है कि इन भर्तियों की परीक्षा होकर नियुक्तियां कब तक मिलेंगी।
आरपीएससी ने न्यायिक प्रकरणों में खर्च की राशि
2015-16-55,65,200
2016-17-72,18,216
2017-18-1,36,26,589
जब तक एक्सपर्ट के खिलाफ कार्यवाही का नियम नहीं बनता, भर्तियां उलझती रहेंगी। पेपर सेटिंग में गलती करने वाले जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी तब ही भर्तियां समय पर हो सकेंगी। उपेन यादव, प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ
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