राजस्थान हाईकोर्ट ने कनिष्ठ लिपिक भर्ती 2013 के तहत प्रतीक्षा सूची से नियुक्ति देने की छूट दे दी है, लेकिन इन्हें याचिका के निर्णय के अधीन रखने को कहा गया है। इससे 917 क निष्ठ लिपिकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने योगेश कुमार कपूरिया व अन्य की याचिका पर यह आदेश दिया। प्रार्थीपक्ष के अधिवक्ता विज्ञान शाह ने कोर्ट को बताया कि 2013 की इस भर्ती में अनारक्षित वर्ग में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का काफी तादाद में चयन हो गया। उनके पदभार नहीं संभालने पर राजस्थान लोक सेवा आयोग ने खाली पद भरने के लिए केवल सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों की ही सूची भेजी है।
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प्रतीक्षा सूची में शामिल आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के नाम इन पदों के लिए नहीं भेजे हैं। आयोग की ओर से अधिवक्ता एमएफ बेग ने कोर्ट से यथास्थिति का आदेश वापस लेने का आग्रह करते हुए कहा कि प्रतीक्षा सूची को बदला नहीं जा सकता। एलडीसी की नई भर्ती के लिए परीक्षा हो चुकी है, एेसे में नई भर्ती की प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रतीक्षा सूची से नियुक्ति नहीं दी जा सकेगी। कोर्ट ने दोनों पक्ष सुनने के बाद प्रतीक्षा सूची से नियुक्ति देने की अनुमति दे दी।
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2013 में भर्ती निकली, अब परिणाम आया
वर्ष 2013 में पिछली सरकार के कार्यकाल के अंतिम महीनों में कनिष्ठ लिपिक के 7773 पदों के लिए भर्ती निकली थी। इसके लिए प्रथम चरण की परीक्षा अक्टूबर 2016 में हुई थी। द्वितीय चरण की परीक्षा मार्च 2017 में हुई। परिणाम जुलाई 2018 में जारी किया गया। इसके तहत अधीनस्थ कार्यालयों के लिए 7538, सचिवालय के लिए 195 व आरपीएससी के लिए 40 कनिष्ठ लिपिकों के पद हैं।
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