अधिकतर कामकाजी महिलाओं को ऐसा लगता है कि गर्भवती होने से उनकी नौकरी को खतरा हो सकता है। उन्हें काम से निकाल दिया जा सकता है जबकि पिता बनने वाले पुरूषों को अकसर नौकरी या कार्यस्थल पर बढ़ावा मिलता है। शोधकर्ताओं का कुछ ऐसा ही कहना है। शोध से जुड़ी इस निष्कर्ष को एप्लाइड मनोविज्ञान के जर्नल में प्रकाशित किया गया। इसमें इस बात की पुष्टि की गई है कि मां बनने वाली औरतों को ऐसा महसूस होता है कि अब कार्यस्थल पर उनका अच्छे से स्वागत नहीं किया जाएगा।
फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि यह उन महिलाओं पर किया गया पहला अध्ययन है, जिन्हें ऐसा महसूस होता है कि गर्भावस्था के दौरान उन्हें नौकरी से बाहर निकाल दिया जाएगा। मैनेजमेंट के सहायक अध्यापक पुस्टियन अंडरडॉल ने कहा, हमने पाया कि महिलाओं ने जब अपने गर्भवती होने का खुलासा किया तो उन्होंने कार्यस्थल पर प्रोत्साहन का अनुभव कम किया।
पुस्टियन आगे कहती हैं, जब महिलाओं ने इस बात का जिक्र अपने मैनेजर या सह-कार्यकर्ताओं से किया तो हमने देखा कि उन्हें करियर के क्षेत्र में प्रोत्साहन दिए जाने की दर में कमीं आई जबकि पुरूषों को प्रोत्साहित किए जाने की दर में बढ़ोतरी हुई। निष्कर्ष पह पहुंचने के लिए पुस्टियन ने दो सिद्धान्तों की गहराई से अध्ययन किया। पहले में यह पाया गया कि गर्भवती महिलाओं को नौकरी से निकाले जाने का डर रहता है। दूसरे में पुस्टियन ने पाया कि महिलाओं को ऐसा इस वजह से लगता है कि क्योंकि गर्भावस्था के दौरान निजी जिंदगी और करियर के क्षेत्र में कई बदलाव आते हैं।
शोध में कुछ नई बातें बताई गई हैं कि गर्भवती महिलाओं के साथ कार्यस्थल पर किस तरह से पेश आना चाहिए। पुस्टियन के अनुसार, मां बनने वाली महिलाओं के प्रति करियर से जुड़ी प्रोत्साहन को कम नहीं किया जाना चाहिए। इसके साथ ही मैनेजर्स को माता और पिता दोनों को ही सामाजिक और करियर से जुड़ी ही संभव सहायता प्रदान करनी चाहिए ताकि काम और परिवार से जुड़ी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाने में उन्हें मदद मिलें।
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