EWS quota : जिन परिवारों की सालाना इनकम (annual income) 8 लाख रुपए से नीचे है, वे अभिमान्य आधार (preferential basis) पर सरकारी नौकरियों (government jobs) और शैक्षणिक संस्थानों (educational institutions) में आरक्षण (reservation) का लाभ पाने के पात्र होंगे। पश्चिम बंगाल सरकार (West bengal government) की ओर से जारी नोटिफिकेशन (notification) में यह बात कही गई है। नोटिफिकेशन में आगे कहा गया है कि जो लोग अनुसूचित जाति (scheduled castes), अनुसूचित जनजाति (scheduled tribes) और अन्य पिछड़ा वर्ग (other backward classes) के लोगों को मिलने वाले आरक्षण के अंतगर्त जो लोग नहीं आते हैं, उन्हें राज्य सरकार की नौकरियों में सीधी भर्ती में आरक्षण मिलेगा। साथ ही शैक्षणिक संस्थानों में भी आरक्षण मिलेगा।
नोटिफिकेशन में कहा गया है कि सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में अप्लाई करने के लिए कुल पारिवारिक आय 8 लाख रुपए से कम होनी चाहिए। आरक्षण का लाभ उठाने के लिए सकल आरक्षण एक मापदंड है। ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) सरकार द्वारा सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (economically weaker sections) (EWS) के लिए सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा के दस दिनों बाद 9 जुलाई को राज्य सरकार की ओर से यह नोटिफिकेशन जारी किया गया है। उल्लेखनीय है कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार की ओर से ऐसी ही घोषणा के छह महीनों बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने इस तरह का नोटिफिकेशन जारी किया है।
नोटिफिकेशन में कहा गया है कि किसी व्यक्ति के परिवार के पास 5 एकड़ या उससे अधिक कृषि भूमि नहीं है या 1 हजार या उससे अधिक आवासीय फ्लैट नहीं है, वह सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने के लिए पात्र होगा। साथ ही आगे कहा गया है कि जिन लोगों के पास अधिसूचित नगरपालिकाओं में 100 वर्ग गज और उससे अधिक का भूखंड नहीं है, वे 10 प्रतिशत आरक्षण के पात्र होंगे। इसके अलावा जो अधिूसूचित नगरपालिकाओं के अलावा 200 वर्ग गज और उससे अधिक के आवासीय भूखंड के मालिक नहीं हैं, वे भी आरक्षण के पात्र होंगे।
नोटिफिकेशन में यह भी कहा गया है कि अलग अलग स्थानों में एक परिवार द्वारा अर्जित की गई संपत्ति को आर्थिक रूप से कमजोर का वर्ग दर्जा दिलाने के लिए उन्हें एक साथ क्लब किया जाएगा। साथ ही श्वङ्खस् के तहत आरक्षण का लाभ लेने के लिए व्यक्ति को जिला मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, उपखंड अधिकारी या डीडब्ल्यू की ओर से कोलकाता नगर निगम क्षेत्रों के लिए जारी आय और संपत्ति प्रमाण पत्र दिखाने पर ही मिलेगा।
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