judges appointment : केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (Union Law Minister Ravi Shankar Prasad) ने बुधवार को कहा कि अब वक्त आ गया है कि अधीनस्थ न्यायालयों (Subordinate courts) में मेधा के आधार पर न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए अखिल भारतीय न्यायिक सेवा (All India Judicial Service) को अस्तित्व में लाया जाए। कानून मंत्री ने कहा कि मेधा के आधार पर प्राथमिकता के साथ पिछड़े वर्गों से न्यायाधीशों की नियुक्ति हो, जिससे न्यायपालिका में उनको उचित भागीदारी मिल सके।
प्रसाद सर्वोच्च न्यायालय के नए अतिरिक्त भवन परिसर के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 58 और पुराने कानूनों को रद्द करने का फैसला लिया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने 1,500 से ज्यादा कानूनों को रद्द कर दिया है। नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया। इस मौके पर उन्होंने इच्छा जताई कि वह संवैधानिक फैसले प्रमुख क्षेत्रीय भाषाओं में देखना चाहते हैं। अब तक एक सौ फैसलों का अनुवाद क्षेत्रीय भाषाओं में किया जा चुका है।
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