Utkal University Recruitment 2018: उत्कल विश्वविद्यालय ने RA और Research Assistant के पदों पर भर्ती निकली है। इच्छुक और योग्य उम्मीदवार निर्धारित प्रारूप में आवेदन कर सकते हैं। इस वेकेंसी के तहत आरए और रिसर्च अस्सिटेंट के एक—एक पद को भरा जाएगा। कैंडिडेट्स 10 जुलाई, 2018 तक आवेदन कर सकते हैं।
पदों का विवरण:
• रिसर्च एसोसिएट: 01 पद
• रिसर्च असिस्टेंट : 01 पद
शैक्षणिक योग्यता:
आरए के पद के लिए: इस पद के लिए आवेदन करने वाला उम्मीदवार केे पास सेकंड क्लास मास्टर डिग्री होनी चाहिए। इसमें इकोनॉमिक्स / एन्थ्रोपोलोजी /सोसिओलोजी के विषयों में प्राथमिकता मिलेगी (सामान्य श्रेणी के लिए कम से कम 55% अंक, एससी / एसटी / पीएच के मामले में 50%) और एम.फिल / पीएचडी या नेट।
रिसर्च अस्सिटेंट के पद के लिए: इस पद के लिए आवेदन करने वाला उम्मीदवार 55% अंकों के साथ इकोनोमिक्स विषय में पोस्ट ग्रेजुएट होना चाहिए। (50% in case of SC/ST/PH)
आवेदन जमा करने की आखरी तारीख: 10 जुलाई 2018
वेतनमान
रिसर्च एसोसिएट का वेतनमान: इस पद पर चयनित होने वाले कैंडिडेट्स को 16,000 रुपए प्रतिमाह सैलेरी दी जाएगी।
रिसर्च अस्सिटेंट का वेतनमान: इस पद पर चयनित होने वाले कैंडिडेट्स को 13,000 रुपए प्रतिमाह सैलेरी दी जाएगी।
कैसे करें आवेदन: इच्छुक और योग्य उम्मीदवार 10 जुलाई 2018 तक अपना आवेदन आवश्यक दस्तावेजों के साथ arbehera @ utkaluniversity.ac.in / alokranjan78 @ gmail.com के माध्यम से भेज सकते हैं।
उत्कल विश्वविद्यालय परिचय
उत्कल विश्वविद्यालय ओडिशा का सबसे पुराना विश्वविद्यालय और भारत का 17 वाँ सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। राजधानी भुवनेश्वर में स्थित यह विश्वविद्यालय ओडिशा का प्रमुख शैक्षिक केंद्र है। अप्रैल 1936 में ओडिशा के बिहार से अलग होकर एक नया प्रांत बन जाने के बाद राज्य का एक अपना विश्वविद्यालय बनाने की आवश्यकता महसूस की गई। 1936 तक ओड़िसा के सभी कॉलेज पटना विश्वविद्यालय या आंध्र विश्वविद्यालय के अंतर्गत थे। इसके बाद श्री विश्वनाथ दास, ओडिशा में एक अलग विश्वविद्यालय स्थापित करने की संभावना की जांच करने के लिए अपने अध्यक्ष के रूप में पंडित नीलकंठ दास के साथ, 2 मार्च, 1938 को एक समिति नियुक्त की। पंडित गोदवारिश मिश्रा, ओडिशा की सरकार में शिक्षा के तत्कालीन मंत्री ओडिशा विधानसभा में उत्कल विश्वविद्यालय विधेयक पेश किया जो ३० जून १९४३ पर ओडिशा विधानसभा द्वारा पारित किया गया था। वर्तमान परिसर की आधारशिला भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद द्वारा रखी गई थी और विश्वविद्यालय परिसर भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के द्वारा २ जनवरी १९६३ में उद्घाटन किया गया था।
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