यदि आप पारंपरिक फील्ड्स से हटकर किसी क्षेत्र विशेष में कॅरियर बनाना चाहते हैं, तो आप कर सकते हैं विज्ञान से जुड़े इन आधुनिक विकल्पों पर विचार। इनमें से कई फील्ड्स इंटरडिसीप्लीनरी भी हैं, जिनमें दोनों स्ट्रीम्स के लोगों की एंट्री का विकल्प है। इन फील्ड्स में पूर्ण समर्पण की जरूरत होती है। इन कोर्सेज को करके निकलने वाले स्टूडेंट्स को इन क्षेत्रों की दिग्गज कंपनियों में हाथों हाथ लिया जाता है। आधुनिक भारत के निर्माण में इन सभी फील्ड्स का खास योगदान है।
नैनो टेक्नोलॉजी
नैनोसाइंस किसी पदार्थ की आणविक संरचना में परिवर्तन करके उसे बेहतर प्रयोग के लिए तैयार करती है। नैनो पार्टिकल्स और नैनोडिवाइसेज का इस्तेमाल आज चिकित्सा समेत विभिन्न क्षेत्रों में किया जाने लगा है। प्रमुख संस्थान हैं- आईआईटी-मद्रास, आईआईटी- दिल्ली, आईआईएससी बंगलौर, बीएचयू, कलकत्ता विवि।
बायोइंफॉर्मेटिक्स
बायोइंफॉर्मेटिक्स में जैविक जानकारी का प्रबंधन करने के लिए कंप्यूटर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है। विश्लेषित डाटा का प्रयोग जीन आधारित दवा की खोज एवं विकास में किया जाता है। इसके संस्थान हैं- बनस्थली यूनिवर्सिटी, ज्योति विद्यापीठ वूमन यूनिवर्सिटी राजस्थान, एमएनआईटी मप्र, कलकत्ता विश्वविद्यालय आदि।
न्यूक्लियर साइंस
न्यूक्लियर साइंस एक वृहद् क्षेत्र है, जिसके अनुप्रयोग परमाणु ऊर्जा के अलावा न्यूक्लियर मेडिसिन, माइनिंग और एनवायरमेंटल रिसर्च में भी कारगर होते हैं। प्रमुख संस्थान हैं- साहा इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फीजिक्स, सेंटर फॉर न्यूक्लियर मेडिसिन पंजाब विश्वविद्यालय, एम्स, दिल्ली (न्यूक्लियर मेडिसिन कोर्स) आदि।
अर्थक्वेक इंजीनियरिंग
अर्थक्वेक इंजीनियरिंग एक इंटरडिसीप्लीनरी फील्ड है, जिसके तहत भूकंप को ध्यान में रखते हुए इमारतों, पुलों आदि का निर्माण एवं अध्ययन किया जाता है। इसका उद्देश्य इन संरचनाओं कोभूकंप से निपटने में सक्षम बनाना है। प्रमुख संस्थान हैं- आईआईटी रुड़की, जामिया मिलिया इस्लामिया दिल्ली, एनआईटी सिलचर।
एस्ट्रोनॉमी
आकाशीय पिंडो की उत्पत्ति और गति का विस्तृत अध्ययन करने वाली विशेष शाखा एस्ट्रोनॉमी व विमानों से जुड़ी इंजीनियरिंग का क्षेत्र एयरोस्पेस युवाओं को लुभाने में कामयाब है। इस क्षेत्र के प्रमुख संस्थान हैं- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस टेक्नोलॉजी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स, आईआईएससी बेंगलोर, आईआईटी बॉम्बे।
फॉरेंसिक साइंस
किसी आपराधिक जांच के दौरान वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाने और इनके विश्लेषण के आधार पर निष्कर्ष निकालने में मदद करने वाली शाखा का नाम है फॉरेंसिक साइंस। यह दरअसल आपराधिक मामलों में विज्ञान के अनुप्रयोग की शाखा है। प्रमुख संस्थान हैं- एसजीटीबी खालसा कॉलेज डीयू, पंजाब विवि, सौराष्ट्र विवि गुजरात आदि।
रोबोटिक्स
रोबोटिक्स का क्षेत्र उन लोगों के लिए विशेष रूप से रुचिकर है, जो मशीनों से खास लगाव रखते हैं। साइंस राइटिंग के लोग स्वास्थ्य, पर्यावरण और जीवनशैली में हो रहे बदलावों के पीछे की वैज्ञानिकता पर भी लेख लिखते हैं।
एयरोस्पेस
एयरोस्पेस के क्षेत्र में शिक्षा के अवसरों में खासा प्रसार हुआ है। कॅरियर के लिहाज से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो इस फील्ड का प्रमुख संस्थान है। इस क्षेत्र में कॅरियर उज्ज्वल है।
रोबोटिक्स
मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस की मिश्रित शाखा रोबोटिक्स अंतरिक्ष से लेकर चिकित्सा के क्षेत्र तक में प्रयोग किए जाने वाले रोबोट बनाती है। मशीनों से विशेष लगाव रखने वालों के लिए यह कोर्स है। संस्थान हैं- आईआईटी-बॉम्बे, दिल्ली, कानपुर, खडग़पुर, आईआईएससी, बिट्स ।
साइंस राइटिंग
दैनिक जीवन की घटनाओं के पीछे की वैज्ञानिकता के प्रसार के जरिए समाज की रूढिय़ां मिटाने व विज्ञान के नए शोधों के बारे में लोगों को जागरुक बनाने का क्षेत्र है साइंस राइटिंग। इस फील्ड से जुड़े प्रमुख संस्थानों के नाम हैं- इंडियन साइंस कम्यूनिकेशन सोसाइटी, नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम्स आदि।
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