त्रिपुरा सरकार ने राज्य के सभी क्षेत्र की सरकारी नौकरियों में दिव्यांगों के लिए निर्धारित आरक्षण को तीन प्रतिशत से बढ़ाकर चार प्रतिशत करने के केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश को स्वीकार कर लिया है। राज्य के विधि मंत्री रतन लाल नाथ ने शनिवार को बताया कि 1991 में बने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम में कई बार संशोधन हो चुका है और इसमें आखिरी बार 2006 में संशोधन हुआ था। राज्य सरकार आरक्षण विकल्पों के क्षैतिज विस्तार के लिए पिछले सप्ताह अध्यादेश लेकर आई थी जिससे अन्य वर्गों के लिए निर्धारित आरक्षण प्रभावित नहीं होगा।
नाथ ने बताया कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार दिव्यांगों की सभी 28 श्रेणियों को बराबर अवसर सुनिश्चित कराने के लिए उन्हें चार समूहों-दृष्टिहीन एवं कम दृष्टि वाले, बधिर एवं कम सुनने वाले, हड्डियों का विकार एवं लकवा के शिकार और मंदबुद्धि एवं मानसिक रूप से बीमार में बांटा है।
नाथ ने आगे बताया कि आरक्षित श्रेणी के दिव्यांगों को प्राथमिकता दी जाएगी जोकि सभी चार श्रेणियों में बराबर है। उन्होंने बताया कि सामान्य वर्ग में भी प्रत्येक समूह के दिव्यांग अभ्यर्थी को नौकरी में प्राथमिकता दी जाएगी।
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