बड़ी-बड़ी कंपनियों के बोर्ड रूम्स में वेल्थ मैनेजमेंट एक आम तौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है। सामान्य लोगों के नजरिए में वेल्थ मैनेजमेंट एक बहुत छोटा और सपाट शब्द है, लेकिन वेल्थ मैनेजमेंट सामान्यतया ग्राहक की वित्तीय स्थिति को सुलझाने और उन्नत बनाने का एक सटीक विज्ञान है। इसमें वित्तीय सलाहकार सेवाएं, लेखा व कर योजनाएं, संपत्ति योजना, वसीयत दस्तावेज संबंधित सेवाएं आदि मामले शामिल होते हैं, जिनमें विशेष सलाह की जरूरत होती है। अगर आपको लगता है कि आप धन में रुचि रखते हैं और वेल्थ मैनेजमेंट कर सकते हैं तो इस फील्ड में कॅरियर बना सकते हैं।
अवसरों का अंबार
जब बैंकिंग और फाइनेंस में कॅरियर बनाने की बात आती है तो निवेश लोगों की पहली प्राथमिकता होती है। लेकिन समय बदल रहा है। चिंतन प्रक्रिया में विकास तथा वित्तीय सृजन में बढ़ती जागरुकता से उम्मीदवार वित्तीय सलाहकार के रूप में कॅरियर बनाने पर गंभीर विचार कर रहे हैं। भारत वित्तीय सृजन के दौर से गुजर रहा है और एक नया विश्व खिलाड़ी बनने के मुकाम पर है जो सर्वाधिक संख्या में लखपतियों का देश बनेगा। आक्सफेम के द्वारा जारी रिपोर्ट बताती है कि भारत में पिछले साल 17 नए अरबपति बने जो अब बढ़कर 101 हो गए हैं। रिपोर्ट ने बताया कि इन अरबपतियों की संपत्ति 2017-2018 में 15.78 करोड़ से बढ़कर 20.67 करोड़ तक बढ़ी है।
संभावनाएं हैं अपार
भारत संपत्ति निर्माण के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में निवेश और बैंकिंग सेक्टर में सलाहकारों की आवश्यकता होगी। वित्तीय नौकरियां वर्ष 2025 तक तीस प्रतिशत बढऩे की संभावनाएं हैं। महत्वाकांक्षी वित्तीय सलाहकार और मैनेजर आने वाले वर्षों में अवसरों को तेजी से बढ़ते देख सकते हैं। कई जिम्मेेदारियों के साथ ग्राहकों के निजी खातों तक पहुंच होने से वित्तीय सलाहकार का जीवन तनावपूर्ण रहता है। वे ऑफिस में ज्यादातर समय बिताते हैं, लेकिन ग्राहकों से मिलने और निवेश के बारे में सलाह देने के लिए कई बार बाहर भी जाना पड़ता है।
आवश्यक योग्यताएं
अधिकांश कंपनियां बिजनेस फाइनेंस और अर्थशास्त्र में स्नातक तक की डिग्री मांगती हैं। कार्य प्रशिक्षण नियोक्ता कंपनी द्वारा दिया जाता है। इसमें वांछित योग्यताएं व क्षमताएं इस प्रकार हैं- उत्कृष्ट संवाद एवं श्रवण योग्यता, आत्मविश्वास व प्रस्तुति योग्यताएं, जटिल जानकारी को आसान व सरल भाषा में समझाने की योग्यता तथा सेल्स तथा लेन-देन की अच्छी समझ। फाइनेंस में पीजी डिप्लोमा उन लोगों के लिए उपयोगी है जो संपत्ति सलाहकार के रूप में कॅरियर बनाना चाहते हैं। यह कोर्स वैश्विक रुझान और इंडस्ट्री संबंधी ठोस जानकारी का मेल है।
ये क्षमताएं भी हों
संपत्ति सलाहकार को संख्याओं से डील करना पड़ता है। सफल कॅरियर के लिए सेल्स योग्यता जरूरी है। एक पेशेवर को बाजार से प्यार भी होना चाहिए। फाइनेंस पहले से सर्वाधिक गतिमान है। ऐसे में ग्राहक ऐसा मैनेजर चाहते हैं, जो अत्यंत ऊर्जावान हो और बदलाव में अग्रणी बना रहे। वित्तीय सलाह के वृहद दायरे में किसी भी व्यक्ति के लिए लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करना भी एक महत्वपूर्ण योग्यता है। संपत्ति सलाहकार को म्युचुअल फंड्स, प्राइवेट इक्विटी, ढांचागत उत्पादों, रियल एस्टेट, पोर्टफोलिया मैनेजमेंट सेवाओं और अप्रत्याशित रणनीतियों जैसे विभिन्न प्रकार के संपत्ति उत्पादों का जानकार होना चाहिए।
प्रमुख संस्थान
इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
http://bit.ly/2DBL72d
मनिपाल यूनिवर्सिटी, कर्नाटक
http://bit.ly/2Qar29X
सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, मुंबई
http://bit.ly/2DAfndT
टीकेडब्ल्यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस, नई दिल्ली
http://bit.ly/2Qar2qt
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal http://bit.ly/2DALTwr
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