केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फीजियोथेरेपिस्ट, लैब टेक्नीशियन तथा न्यूट्रीशनिस्ट समेत स्वास्थ्य से जुड़े क्षेत्रों के 53 तरह के पेशेवरों के लिए एक अलग परिषद् के गठन की गुरुवार को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की हुई बैठक में 'अलाइड एंड हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स विधेयक, 2018' लाने की मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े ऐसे पेशेवरों के लिए पंजीकरण, नियमन एवं मानकीकरण सुनिश्चित करना है जो अब तक किसी परिषद् के दायरे में नहीं आते। इनमें 15 मुख्य वर्गों के तहत फीजियोथेरेपिस्ट, लैब टेक्नीशियन, न्यूट्रीशनिस्ट तथा डोजीमीट्रीस्ट समेत 53 प्रकार के पेशेवर शामिल हैं।
बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की प्रस्तावना के आधार पर यह विधेयक लाने का फैसला किया गया है। इसमें 'अलाइड एंड हेल्थकेयर काउंसिलऑफ इंडिया' तथा इसी की तर्ज पर राज्य स्तरीय परिषदों के गठन, उसकी संरचना, स्थापना, संरचना एवं जिम्मेदारियों का भी प्रावधान है। केंद्रीय परिषद् के गठन पर 20 करोड़ रुपए तथा राज्य परिषदों के गठन पर 75 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, केंद्रीय परिषद् में 47 सदस्य होंगे जिनमें 14 पदेन सदस्य तथा 33 सदस्य 15 प्रमुख पेशेवर वर्गों से होंगे। राज्य परिषदों में सात पदेन तथा 21 अन्य सदस्य होंगे। विधेयक पारित होने के छह महीने के भीतर अंतरिम परिषद् का गठन किया जाएगा जिसका कार्यकाल केंद्रीय परिषद् के गठन तक दो साल के लिए होगा। अनुमान है कि मौजूदा समय में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े क्षेत्रों में आठ से नौ लाख लोग देश में काम कर रहे हैं जिन्हें इस विधेयक से लाभ होगा।
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