मोदी सरकार वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव पूर्व अपना आखिरी बजट पेश करने से पहले केंद्र सरकार देश में पेट्रोल पम्पों के नेटवर्क में व्यापक विस्तार करने की तैयारी में है। इसके तहत सरकारी तेल कंपनियों ने रविवार को देशभर में 65,000 पेट्रोल पंप खोलने के लिए आवेदन मंगाए हैं।
पिछले 4 साल में पहली बार सरकारी तेल कंपनियां अपने रीटेल नेटवर्क का विस्तार करने जा रही हैं। हालांकि आचार संहिता लागू होने की वजह से चुनाव वाले राज्यों से डीलरशीप के लिए आवेदन नहीं मंगाए गए हैं। यहां चुनाव के नतीजों के बाद आवेदन मंगाए जाएंगे। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में फिलहाल 62,585 पेट्रोल पंप हैं। इनमें से सिर्फ 6,000 को निजी कंपनियां चलाती हैं। इस बार खास बात यह है कि पेट्रोल पंप डीलरशीप के लिए चयन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन रहेगी। आवेदकों में से विजेताओं को ऑनलाइन ड्रॉ के माध्यम से चुना जाएगा।
इन्हीं पेट्रोल पंप पर निकाली जाएंगी नौकरियां
एक्सपर्ट्स के अनुसार एक पेट्रोल पंप पर काम करने के लिए कम से कम 3 से 7 लोगों की जरूरत होती है। ऐसे में यदि पेट्रोल पंप्स अलॉट होने के बाद अंदाजन 1,80,000 से लेकर 3,00,000 आदमियों की जरूरत होगी जिससे देश में रोजगार बढ़ेगा।
नियमों में दी गई ढील
पिछली बार की प्रक्रिया में लाइसेंस मिलने के बावजूद कड़ी शर्तों के चलते बहुत से पेट्रोल पंप न खुल पाने को देखते हुए इस बार शर्तों में कुछ ढील दी गई है। इसमें सबसे बड़ी राहत आवेदकों के पास एक निश्चित फंड होने के की शर्त को खत्म किया जाना है। पहले शहरी क्षेत्र में पंप के आवेदन देने के लिए बैंक में 25 लाख रुपए या इतने मूल्य की दूसरी वित्तीय संपत्ति जरूरी थी। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 12 लाख रुपए जरूरी थे। इसके अलावा जमीन संबंधी नियमों में भी ढील दी गई है। नए नियमों के तहत वे लोग भी पेट्रोल पंप के लिए आवेदन दे सकते हैं जिनके पास जमीन नहीं है।
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