हरियाणा में कार्यरत गेस्ट टीचर्स के लिए खुशखबरी है। प्रदेश की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने इन टीचर्स की लंबी मांग को पूरा करते हुए उन्हें स्थायी कर दिया है। प्रदेश में करीब 14 हजार शिक्षक गेस्ट टीचर्स के तौर पर काम कर रहे हैं। सरकार के नए फैसले से अब टीचर्स 58 साल तक अपनी सेवाएं दे सकेंगे। टीचर्स को स्थायी करने के लिए राज्य सरकार ने बुधवार को बजट सत्र के आखिरी दिन विधानसभा में विधेयक पारित किया था। राज्यभर में कार्यरत करीब 14 हजार गेस्ट टीचर्स में से 1 हजरा 925 शिक्षक पीजीटी हैं, जबकि मास्टर (टीजीटी) की संख्या 4 हजार 254 हैं। बाकी बचे 6 हजार 23 शिक्षक जेबीटी के रूप में कार्य कर रहे हैं।
गौरतलब है कि 2014 के विधानसभा चुनावों से पहले प्रदेश में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने घोषणा पत्र में सभी गेस्ट टीचर्स को स्थायी करने का वादा किया था, जो अब जाकर पूरा किया गया है। माना जा रहा है कि सरकार ने यह कदम इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्याना में रखते हुए लिया है। इन टीचर्स की भर्ती भूपिंदर सिंह हुड्डा के कार्यकाल में की गई थी।
विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन बुधवार को सरकार ने सदन में हरियाणा अतिथि शिक्षक सेवा विधेयक-2019 पेश किया। कांग्रेस के समर्थन से सरकार ने बिल पास कर दिया। इस विधेयक के दौरान इनेलो विधायक सदन से गैर हाजिर रहे। विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला सदन में नहीं आए। कांग्रेस विधायक कर्ण सिंह दलाल ने इन शिक्षकों को इनकी नियुक्ति से ही सेवा लाभ देने की मांग की।
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