बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने गुरुवार को कहा कि सरकार ने राज्य में विश्वविद्यालय के शिक्षकों के लिए सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा लागू करने का निर्णय लिया है। मोदी ने आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में आयोजित 'भवन एवं परिसर के उद्घाटन' समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार सरकार ने विश्वविद्यालय शिक्षकों के लिए सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा लागू करने का निर्णय लिया है। इससे राज्य सरकार को प्रतिवर्ष 436 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ वहन करना पड़ेगा। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा दो साल के बकाए के एरियर मद में शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों को 862 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाएगा।
मोदी ने कहा कि अगले वित्त वर्ष के लिए बिहार के कुल दो लाख करोड़ रुपए के बजट का 34800 करोड़ रुपए (17.5 प्रतिशत) शिक्षा पर खर्च किया जाएगा। इनमें उच्च शिक्षा पर 5253 करोड़ रुपए और प्राथमिक शिक्षा पर 23528 करोड़ रुप, खर्च होंगे। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय सेवा आयोग के निर्देशों के अनुसार सेवानिवृत्त शिक्षकों को भी सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा का लाभ दिया जा,गा। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के लिए गैर शैक्षणिक कर्मियों की नियुक्ति राज्य कर्मचारी चयन आयोग से कराई जाएगी।
मोदी ने आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय को शोध केन्द्र के रूप में विकसित करने पर जोर देते हुए कहा कि अब तक दुनिया के नोबल पुरस्कार विजेयताओं में भारतीय मूल की 12 हस्तियां शामिल हैं, जिनमें मात्र पांच ही भारत के नागरिक हैं। इंग्लैंड और अमरीकी विश्वविद्यालयों के सर्वाधिक नोबल विजेता हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के विश्वविद्यालय भी शोध के केन्द्र बने इसके लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
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