पंजाब मंत्रिमंडल ने जांच ब्यूरो (ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) में 4251 नये पदों के सृजन को मंजूरी दे दी। उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार ऐसा किया गया है। राज्य की पुलिस फोर्स के पुनर्गठन का उद्देश्य आपराधिक न्याय प्रणाली को प्रभावी बनाना है ताकि समय पर जांच निपटा कर अपराधी को सजा सुनिश्चित की जा सके। इस आशय का निर्णय मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
पुनर्गठन के तहत पुलिस अधीक्षकों के 28 पद, उपाधीक्षकों के 108 पद, इंस्पेक्टरों के 164, सब-इंस्पेक्टरों के 593, ए.एस.आई. के 1140, हैड कांस्टेबलों के 1158 और कांस्टेबलों के 373 पद सृजन किये जाएंगे। इसी तरह मिनिस्ट्रीयल काडर के 159 पदों का सृजन किया जाएगा तथा सहायक सिविलियन स्टाफ के लिए 798 पद सृजन किए जाएंगे। इसके एवज में जिलों के साथ-साथ मुख्यालय पर पुलिस कर्मचारियों की बराबर संख्या में पद खत्म किए जाएंगे।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने और जांच कार्यों की प्रभावशाली ढंग से बाँटने में सहायक होगा। इससे जांच प्रणाली में सुधार होने से पुलिस की कारगुजारी में निखार आएगा। ज्ञातव्य है कि उच्चतम न्यायालय ने जुलाई, 2014 में पुलिस को जांच तथा अमन -कानून के कामकाज को अलग -अलग करने के निर्देश दिए थे जिससे पुलिस कर्मचारियों का बोझ घटाने के साथ-साथ उनके कामकाज में कुशलता लाई जा सके। पिछली अकाली -भाजपा सरकार इन आदेशों की पालना में असफल रही।
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