महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले नौकरियों के लिए साक्षात्कार में औसतन 30 फीसदी कम बुलाया जाता है, चाहे उनके पास समान योग्यता ही क्यों न हो। शोधकर्ताओं ने इस बात की जानकारी दी। इस लैंगिक पूर्वाग्रह को समझने के लिए बार्सिलोना के पोम्पियू फाबरा विश्वविद्यालय की एक टीम ने 37 से 39 साल उम्र के बीच के 5,600 से अधिक काल्पनिक रिज्यूमों को इस शोध में शामिल किया।
इन रिज्यूमों को 18 अलग-अलग व्यवसायों में पेश की गई नौकरियों के जवाब में भेजा गया, जिनमें महिलाओं की डिग्री, आवश्यक योग्यता और जिम्मेदारियां अलग-अलग थीं। अध्ययन में पता चला कि पुरुष उम्मीदवारों को महिलाओं (7.7 प्रतिशत) की तुलना में अधिक अनुपात (10.9 प्रतिशत) में साक्षात्कार के लिए बुलाया गया।
समान शर्तों के तहत, महिलाओं को पुरुषों की तुलना में नौकरियों के साक्षात्कार के लिए 30 फीसदी कम बुलाया गया। बिना बच्चों वाली माताओं को पुरुषों की तुलना में नौकरियों के साक्षात्कार के लिए 23.5 फीसदी कम बुलाया गया। ला सियाएक्सा सोशल ऑब्जर्वेटरी पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है कि माताओं को पिता की तुलना में नौकरियों के साक्षात्कार के लिए औसतन 35.9 फीसदी कम बुलाया जाता है, क्योंकि उन्हें स्त्रीत्व और मातृत्व दोहरे दंड का सामना करना पड़ता है।
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