कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने भविष्य निधि गणना में विशेष भत्ते को मूल वेतन में शामिल नहीं करने वाली कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय किया है। सुप्रीम कोर्ट के ईपीएफ गणना में मूल वेतन के हिस्से में विशेष भत्ते को शामिल करने की व्यवस्था के एक दिन बाद ईपीएफओ ने यह निर्णय किया है।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में बड़ा फैसला सुनाते हुए विशेष भत्ते यानि स्पेशल अलाउंस को बेसिक पे का हिस्सा बताया है। इस फैसले से नौकरीपेशा लोगों के खाते में ज्यादा पीएफ जमा हो सकेगा। स्पेशल अलाउंस को बेसिक पे में शामिल करने पर पीएफ के तौर पर जमा की जाने वाली रकम में इजाफा होगा। जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस नवीन सिन्हा की पीठ ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि नियोक्ता को यह दिखाना होगा कि संबंधित कर्मी अपने काम के अतिरिक्त भत्ते के योग्य है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह व्यवस्था दी कि कर्मचारियों के भविष्य निधि गणना मामले में विशेष भत्ता मूल वेतन का हिस्सा है। मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि फैसले को देखते हुए ईपीएफओ उन कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा जो ईपीएफ योगदान के लिये विशेष भत्ते को उसमें शामिल नहीं करते। ईपीएफओ ने इस मामले मेंकहा था कि मूल वेतन को जानबूझकर कम रखा जाता है और इसी के आधार पर ईपीएफ की गणना होती है।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal http://bit.ly/2Hc4yRb
0 comments:
Post a Comment